Sunday, December 13, 2009

जीन्दगी में यासे पालहोता है ! जिसको चाहेते हुयी हम भूल नाहि सकते है ! कुछ गम कुछ हसि कुछ यादगारे पल यौहे बेटा जाता है जीवन हमारा कवि आखो में आसू तो कवि उठो में हसि ,चलते चलते हम कहा शे कहा आए दुरी तो हमको पार करना ही है !

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